दीपक जलाने के नियम होते हैं खास, दीपक जलाने से होता है परेशानियों का नाश

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दीपक जलाने के नियम
दीपक जलाने के नियम

घर में दीपक जलाना अनिवार्य होता है। यदि आप पूजा में विशेष ध्यान लगाते हैं तो आपको पूजा के दौरान दीपक अवश्य जलाना चाहिए। जिस घर में सुबह-शाम दीपक जलाया जाता है उस घर में परेशानियों का नाश हो जाता है और घर में खुशियों की बारिश होती है। हालांकि दीपक जलाने के कुछ नियम का पालन करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि दीपक जलाने के 5 नियमों को विस्तार से।

दीपक जलाने के नियम (rules for lighting a lamp):

दीपक सही जगह पर रखना चाहिए- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पूजा के समय सिर्फ दीपक जलाना ही काफी नहीं होता है बल्कि दीपक को रखने का स्थान भी काफी महत्वपूर्ण होता है। जब भी पूजा में दीपक जलाएं तो हमेशा दीपक को भगवान के सामने रखें। यदि पूजा में घी का दीपक जला रहे हैं तो दीपक अपने बाएं हाथ की ओर रखें। यदि तेल का दीपक जला रहे हैं तो उसे अपनी दाईं ओर रखें।

तेल और घी के दीपक के लिए अलग बाती- दीपक में जब भी बाती का प्रयोग करें तो हमेशा पूजा के बाद बाती को बदल दें। इसके अलावा तेल और घी के दीपक में भी अलग-अलग दीपक का प्रयोग करें। यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसमें रुई की बाती का प्रयोग करें। यदि तेल का दीपक जला रहे हैं तो उसमें लाल धागे की बाती का प्रयोग करें।

मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ- दीपक को हमेशा पूर्व दिशा की ओर करके जलाना चाहिए। कभी भी पश्चिम दिशा में दीपक को नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में आर्थिक परेशानियाँ आने लगती है। शाम को हर रोज घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

दीपक रोज एक समय पर जलाएं- दीपक को हमेशा एक समय पर ही जलाना चाहिए। सुबह 5 बजे से लेकर 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक ही दीपक जलाना चाहिए। भगवान की पूजा भी हमेशा एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर पूजा का उचित फल नहीं मिल पाता है।

खंडित दीपक का प्रयोग नहीं करें- पूजा में आप जिस दीपक का प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं से भी खंडित या टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए। खंडित दिया जलाने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। दीपक जलाने के उसे अच्छी तरह से साफ भी करना चाहिए। पूजा के वक्त यदि किसी कारण से दीपक बुझ जाए तो उसे दोबारा जलाकर ईश्वर से क्षमा मांगनी चाहिए।