दीपक के बिना कोई भी पूजा अधूरा माना जाता है। कभी-कभी पूजा करते समय अचानक ही दीपक की लौ तेज हो जाती है। दीपक बहुत तेज जलने लगता है। दीपक की लौ में ज्यादा लालिमा आ जाती है। ऐसी घटना ईश्वर का एक विशेष संकेत माना जाता है। नित्य पूजा करते रहने से कई लोगों की पूजा में इतनी ताकत आ जाती है कि दीपक में रोज ही फूल बनने लगता है। दीपक में फूल बनना भी ईश्वरीय कृपा का संकेत होता है।
दीपक की लौ तेज होने का मतलब
पूजा करते समय यदि आपके दीपक की लौ तेज हो जाए तो यह एक शुभ संकेत है। दीपक की लौ तेज होने का मतलब है कि ईश्वर की कृपा आपके ऊपर है। ईश्वर आपकी हर कार्य में सहायता कर रहे हैं। रोज पूजा करने वाले अपने भक्तों को ईश्वर कई प्रकार के संकेतों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं कि वे आपकी पूजा से प्रसन्न हैं।
नित्य पूजा करने से आपके पूजा में वो शक्ति आ जाती है जिसका शुभ फल प्राप्त होने का संकेत दीपक के माध्यम से मिलता है। ईश्वर हमेशा अपने भक्तों की मदद करते हैं। इस धरती पर जाग्रत देवताओं में माता काली भी हैं। माता अपने भक्तों को कभी भी बुरा नहीं होने देती है। बस जरूरत होती है माँ पर विश्वास करने की। पूजा करना और ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास दोनों अलग-अलग चीज होती है।
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बिना ईश्वर में विश्वास के पूजा करने का कोई लाभ नहीं होता है। यदि कोई व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से रिति-रिवाजों के बिना भी ईश्वर की अराधना करता है तो उनकी पूजा और अराधना को ईश्वर स्वीकार करते हैं और दीपक के माध्यम से या किसी अन्य माध्यमों के जरिए संकेत देते हैं।
कई बार में जब भगवान आपकी पूजा से प्रसन्न होते हैं तो वे सपनों में आकर दर्शन देते हैं। बहुत ही कम लोग होते हैं जिनके सपने में ईश्वर आकर खुद दर्शन देते हैं। यदि आपको भी सपने में भगवान के दर्शन हुए हैं तो खुश हो जाइए। यह भविष्य में किसी शुभ समाचार के प्राप्त होने का संकेत है। यह संकेत है कि ईश्वर आपकी पूजा से संतुष्ट हैं और आपकी पूजा को स्वीकार कर रहे हैं।