पूजा कैसे करें – पूजा करते समय न करें यह भूल, होता है बड़ा नुकसान

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पूजा कैसे करें
पूजा कैसे करें

पूजा करना हर इंसान का धर्म होता है। अपने ईष्टदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए। लेकिन कई बार पूजा करते समय कई गलतियाँ हम कर देते हैं जिससे हमें पूजा का फल नहीं मिल पाता है। आज हम जानेंगे कि पूजा कैसे करें और पूजा में किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

पूजा करने से हमारे मन को शांति और सुकून मिलता है। लेकिन जिस प्रकार हम पूजा कर रहे हैं क्या वह सही है? जिस प्रकार से हम अपने ईष्ट की आराधना कर रहे हैं क्या वो सही है? हम सब अपने घरों में पूजा करते हैं लेकिन कुछ ऐसी गलतियाँ हम कर देते हैं जो हमें नहीं करना चाहिए। लोगों के इस बात का पता नहीं होता है कि पूजा कैसे करें और अनजाने में लोग गलती कर बैठते हैं।

आइए जानते हैं कि हमें पूजा कैसे करना चाहिए और पूजा करते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

1. पूजा में कभी भी टूटे हुए या खंडित चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना गया है। हमेशा साबुत चालव का ही प्रयोग करना चाहिए।

2. यदि आपके घर में भगवान की मूर्ति है तो वह खंडित या टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। यदि ऐसी मूर्ति घर में है तो उसे बाहर निकाल दें और बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। यदि बहते हुए जल का अभाव है तो पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। घर में टूटी मूर्ति अशुभ माना जाता है।

3. घर में कभी भी दो शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। पूजाघर में कभी भी तीन गणेश की मूर्ति बिलकुल स्थापित न करें। इससे घर में कलह की स्थिति बनती हैं और घर से सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

4. पूजा के इस्तेमाल किए जाने वाले पानी, दूध, दही और घी में उंगली नहीं डालनी चाहिए। इन्हें हमेशा लोटा, चम्मच इत्यादि से लेना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक, नाखूनों के स्पर्श से यह सभी चीजें अपवित्र हो जाती है।

5. घर में पूजा करते समय हमेशा जूते-चप्पल उतार लें। इसके साथ-साथ पूजा करने से पहले हाथ को धोना चाहिए। भगवान को फूल अर्पित करने समय उन्हें लोटे या जल में डालते हैं, फिर उन्हें निकालकर भगवान पर चढ़ाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए।

6. घर में हवन करते समय लकड़ी हमेशा छाल रहित होना चाहिए। कीड़े लगी हुए सामग्री का प्रयोग पूजा में न करें। हवन की अग्नि जलाते समय पंखे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक दीपक से दूसरे दीपक को भी नहीं जलाना चाहिए।

7. पूजा में तुलसी का स्थान महत्वपूर्ण माना गया है। तुलसी का पत्ता संक्रांति के दिन, पूर्णिमा, अमावस्या, रविवार और शाम के समय नहीं तोड़ना चाहिए। यदि रविवार के दिन पूजा में तुलसी चढ़ाना है तो तुलसी का पत्ता एक दिन पहले ही तोड़ लें। ध्यान रखें कि तुलसी हमेशा स्वच्छ ही रहती है।